-जनकवि कोदूराम "दलित"
जय -जय गणेश महाराजा मुसवा में चढ़ के आजा
जय गणपति फरसाधारी कर दूर हमर बेकारी
मैं तोला चढ़ाहूँ पानी तैं मोला बना दे ज्ञानी
मैं तोला खवाहूँ खीरा कर दूर मोर दुःख-पीरा
मैं तोला खवाहूँ बासी कर दूर मोर जर-खाँसी
मैं तोला खवाहूँ बरी कर हमर भुखमरी
मैं तोला चढ़ाहूँ माला सुख शांति मिले दुनिया-ला
मैं तोला चढ़ाहूँ नरियर मोर खेती ला कर दे हरियर
मैं तोला खवा के केरा पां परथौं जाये के बेरा
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बप्पा को नमन...गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें आपको
ReplyDeleteसुंदर स्तुति ....शुभकामनायें
ReplyDeleteअच्छी कामनाएं...
ReplyDeleteसादर...
मैं तोला खवाहूँ बासी, कर दूर मोर जर-खाँसी
ReplyDeleteनिश्छल हृदय से लिखी गई सुंदर वंदना।