-कोदूराम"दलित"
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
सबो धरम अऊ सबो जात ला ,एक कड़ी मा जोड़े
अंगरेजी कानून मनन- ला पापड़ साहीं तोड़े.
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े
रहिस जउन हर तोर गिराए खातिर खाँचा कोड़े
करके प्यार-दुलार उहू -ला अपने कोती मोड़े
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
गए बिलायत जिहां कुटिल मन बइठे रहे धपोड़े
भरे सभा में उनकर भंडा नरियर साहीं फोड़े
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
कर-कर के सत्याग्रह गोरा-शासन ला झकझोरे
तोर प्रताप देख के चर्चिल रहिगे दाँत निपोरे
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े
सन बयालीस-मा निठुर मनन ला,लिमउ असन निचोड़े
"अंगरेजों ! भारत छोडो ",कही मरुवा उंकर मरोड़े
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
धोये तही विषमता के प्याला अउ अमृत घोरे
दीन-दलित मन के कल्याण भइस किरपा-मा तोरे
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
रहिस जरुरत तोर आज पर चिटको नहीं अगोरे
अमर लोक जाके दुनियां -ला दुःख सागर मा बोरे.
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
बापू जी के गुण ला गाबो,हम मन भइया हो रे
वोला नमन सदा करबो हम दूनों हाथ ला जोरे.
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
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चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
सबो धरम अऊ सबो जात ला ,एक कड़ी मा जोड़े
अंगरेजी कानून मनन- ला पापड़ साहीं तोड़े.
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े
रहिस जउन हर तोर गिराए खातिर खाँचा कोड़े
करके प्यार-दुलार उहू -ला अपने कोती मोड़े
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
गए बिलायत जिहां कुटिल मन बइठे रहे धपोड़े
भरे सभा में उनकर भंडा नरियर साहीं फोड़े
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
कर-कर के सत्याग्रह गोरा-शासन ला झकझोरे
तोर प्रताप देख के चर्चिल रहिगे दाँत निपोरे
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े
सन बयालीस-मा निठुर मनन ला,लिमउ असन निचोड़े
"अंगरेजों ! भारत छोडो ",कही मरुवा उंकर मरोड़े
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
धोये तही विषमता के प्याला अउ अमृत घोरे
दीन-दलित मन के कल्याण भइस किरपा-मा तोरे
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
रहिस जरुरत तोर आज पर चिटको नहीं अगोरे
अमर लोक जाके दुनियां -ला दुःख सागर मा बोरे.
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
बापू जी के गुण ला गाबो,हम मन भइया हो रे
वोला नमन सदा करबो हम दूनों हाथ ला जोरे.
चरखा -तकली चला-चला के ,खद्दर पहिने ओढ़े
धन्य बबा गाँधी ,सुराज ला लेये तब्भे छोड़े .
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dalit jee kee rachna bahut hee bhaav pradhaan hai.
ReplyDeleteprastuti ke liye aabhaar evam dalit jee ne kamaal ka likha hai.
- vijay tiwari '
kislay'