- कोदूराम "दलित"
दाई ,बासी देबे कब ?
बेटा पढ़ के आबे तब .
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ हुसियार
तोला देहूं रे बेटा , मीठ - मीठ कुसियार
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ किसान
तोला देहूं रे बेटा , मीठ - मीठ पकवान
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब .
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ बनिहार
तोला देहूं रे बेटा , मैं करी -लाडू चार
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ साहब
तोला देहूं रे बेटा , मैं कोढ़ा-रोटी तब
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब .
बेटा पढ़ के आबे तब .
पढ़ लिख के दाई ,मैं जगाहूँ अपन देश
जन -जन ला देबे-सहकार के सन्देश
सुखी होबोन सब-
मिल के काम करे माँ अब .
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
मोर देश के दाई ,मोला करना हे निरमान
बनबे रे दुलरुवा बेटा,तैं किसान
खुश होहूँ गजब
तोर मैं देख-देख करतब
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
दाई ,बासी देबे कब ?
बेटा पढ़ के आबे तब .
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ हुसियार
तोला देहूं रे बेटा , मीठ - मीठ कुसियार
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ किसान
तोला देहूं रे बेटा , मीठ - मीठ पकवान
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब .
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ बनिहार
तोला देहूं रे बेटा , मैं करी -लाडू चार
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
पढ़ लिख के दाई ,मैं ह हो जाहूँ साहब
तोला देहूं रे बेटा , मैं कोढ़ा-रोटी तब
खाबे हब-हब
मजा पाबे रे गजब .
बेटा पढ़ के आबे तब .
पढ़ लिख के दाई ,मैं जगाहूँ अपन देश
जन -जन ला देबे-सहकार के सन्देश
सुखी होबोन सब-
मिल के काम करे माँ अब .
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
मोर देश के दाई ,मोला करना हे निरमान
बनबे रे दुलरुवा बेटा,तैं किसान
खुश होहूँ गजब
तोर मैं देख-देख करतब
बेटा पढ़ के आबे तब .
दाई ,बासी देबे कब ?
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