Saturday, April 9, 2011

हमर लोकतन्तर



                        -
जनकवि स्व.कोदूराम "दलित"
आइस  हमर  लोकतन्तर  के आज तिहार  देवारी
जुगुर - बुगुर  तैं   दिया बार देनोनी  के महतारी  .

सुत-उठ के फहराइस  बड़की भउजी आज  तिरंगा
अस नान्दिस डोकरी दाई हर  कहिके हर- हर गंगा .

घर-दुवार मा बन्धगै  सुग्घर तोरन  धजा- पताका
संझाकुन हम खूब चलाबो - बम,फुलझरी ,फटाका.

पहुंचिस  आज  उदुप  ले ठौंका ,साढू  हमर सुदामा
गंज  अकन नेता के छापा  चटकाइस भितिया मा .

रंगू    पुरोहित   ला   दे  के ,   नगदी  सवा - रुपैया 
भारत  -  माता  के  पूजा   करवाइस    भंगू   भैया .

ठुमुक-ठुमुक मनटोरा नाचैपुनिया ढोल बजावय
बड़निक राग धर जन-गन- मन के फगनी टूरी गावय .

अरुण कुमार  दूध  पी के,   मारै अड़बड़ किलकारी
हँस-हँस के जय-हिंद करै  , सबला  मंजुला कुमारी .

हमर सास हर ठेठरी ,खुरमी, भजिया,बरा पकावय
लमगोड़वा , भउजी के भाई , चोरा -चोरा के खावय .
 
ठौंका  कुकरा-बासत  हमर , जुलूस निकलगे भारी
जै-जैकार करत किंजरिन, बस्ती भर के नर-नारी .
 
फेर तिरंगा झंडा के सब झन मन लिहिन सलामी
चहा पिइन एक्के सँग बाम्हन ,बनिया अउ सतनामी .

हमर गाँव के कुछ ढोंगी मन,लम्हा तिलक लगावयं
हरिजन मन के छुआ मानय, चिंगरी मछरी खावयं .

चांउर   -कपड़ा  सब  गरीब  ला  , बांटिस  बंठू  दाऊ
बुलबुल   छाँटत-छाँटत  निच्चट  थक गय नंदू नाऊ .

चरर-चरर  गरुवा  मन  खातिर , बल्दू  लूवय  कांदी
कलजुग ला सतजुग कर डारे,जय जय हो तोर गाँधी .

जगर मगर बस्ती हर बोलय खेत- खार  रुपसाय
ठऊर-ठऊर मा नाचा -गम्मत  ,भासन होवत जावय .

सुटुर-सुटुर सटकिस  समधिन हर ,देखे खातिर नाचा
रोवत ओकर पिछ्लग्गा , भागिस   भगवानी   भांचा.

जइसन बनिस जउन से तइसन ,खूब बनाइन खाइन
नाचिन-गाइन ,खेलिन-कूदिन,दिन भर मउज उड़ाइन .

अब हम भेदभाव ताज के,सहकारी समिति बनाबो
मिल के सबो काम ला करके ,सबके सब सुख पाबो.

हे भगवान ! सद्बुद्धि हमर सब भाई मन ला आवय
जल्दी बपुरा दीन-दलित के,दुःख-दरिद मिट जावय .

फूलय फलय स्वर्ग बन जावय ,हिंद देश  ये प्यारा
"
गणतन्तर हो अमर" सदा हम ,इहिच लगाई नारा.

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1 comment:

  1. बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
    यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
    मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

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