Wednesday, August 23, 2017

हे लम्बोदर


हे ओम् रूप , गज वदन देव
हे  गणनायक ,  हे  लम्बोदर  |
हे सिद्धि सदन ,कल्याण धाम
शत-शत प्रणाम करुणा सागर  ||

हे एकदंत   ,     हे दयावंत
विज्ञान पुंज ,  अनुपम  उदार  |
कर  दूर अविद्या  , अनाचार
भर दे जन-जन में सद् विचार ||

सुख शांति सम्पदा  कर प्रदान
त्रय ताप पाप  दुख दारिद हर  |
हे ओम् रूप ,  गज वदन देव
हे  गणनायक ,  हे  लम्बोदर  ||

भारत - स्वतंत्रता  रहे  अमर
गण-तंत्र  सफल  होवे  प्रभुवर  |
दे दिव्य ज्ञान, दे शक्ति प्रखर
हो  जायँ  विज्ञ सब नारी नर  ||

सुख - सुषमा लहरावे घर घर
यश  छा जावे  अवनी अम्बर  |
हे ओम् रूप ,  गजवदन देव
हे  गण नायक ,  हे लम्बोदर  ||

हे सिद्धि सदन ,कल्याण धाम
शत-शत प्रणाम करुणा सागर ||

जनकवि स्व. कोदूराम “दलित”
हिंदी काव्य संचय

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