जनकवि स्व. कोदूराम
“दलित”
(चित्र गूगल से साभार)
हे ओम् रूप
, गज वदन देव
हे गणनायक , हे लम्बोदर |
हे सिद्धि
सदन ,कल्याण धाम
शत-शत
प्रणाम करुणा सागर ||
हे एकदंत , हे दयावंत
विज्ञान
पुंज , अनुपम उदार |
कर दूर
अविद्या , अनाचार
भर दे जन-जन
में सद् विचार ||
सुख शांति
सम्पदा कर प्रदान
त्रय ताप
पाप दुख दारिद हर |
हे ओम् रूप
, गज वदन देव
हे गणनायक , हे लम्बोदर ||
भारत - स्वतंत्रता
रहे अमर
गण-तंत्र
सफल होवे प्रभुवर |
दे दिव्य
ज्ञान, दे शक्ति प्रखर
हो जायँ
विज्ञ सब नारी नर ||
सुख - सुषमा लहरावे
घर घर
यश छा जावे अवनी
अम्बर |
हे ओम् रूप
, गजवदन देव
हे गण नायक , हे लम्बोदर ||
हे सिद्धि
सदन ,कल्याण धाम
शत-शत
प्रणाम करुणा सागर ||
जनकवि स्व. कोदूराम
“दलित”
हिंदी काव्य
संचय
बहुत बढ़िया प्रस्तुति |
ReplyDeleteबधाई स्वीकारें ||
शत-शत प्रणाम ||
सुंदर स्तुति बप्पा की
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