देवनागरी लिपि
हे जेकर
गजब सरल अउ
सुंदर
हवय ज्ञान
बिज्ञान सबो
जेकर साहित
के अंदर
अइताचार
सहिस अड़बड़ पर
रहिगे ये हर
ज़िंदी
बनिस
राष्ट्रभाषा हमार
हम सबके
प्यारी हिंदी |
येकर मान
करय सब जनता
हिंदी अउ
अ-हिंदी
ये जान्हवी
बनिस अउ बनगें
सब भाषा
कालिंदी
बोलयँ ये
भाषा-ला मदरासी
बंगाली, सिंधी
बनिस
राष्ट्रभाषा हमार
हम सबके
प्यारी हिंदी |
अँगरेजी के
मोह छोड़ के
ये ही ला
अपनाबो
अब येकर
बिकास खातिर
सब्बो झिन
मन भिड़ जाबो
आय इही हर
भारत माता के
माथा के
बिंदी
बनिस
राष्ट्रभाषा हमार
हम सबके
प्यारी हिंदी |
जनकवि -स्व.कोदूराम
“दलित”
हम सबके प्यारी हिंदी |
ReplyDeleteआभार ||
हिन्दीदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआपका इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (15-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!